अंबेडकरनगर। 06 जुलाई, 2025
सूफी संत हजरत मखदूम अशरफ की किछौछा दरगाह के तालाब के तट पर रविवार देर शाम को देश भर से आए सवा एक लाख जायरीनों की मौजूदगी में दरगाह की ऐतिहासिक बड़ी ताजिया गमगीन माहौल में सुपुर्दे खाक कर दिया गया। इस मौके पर बसखारी कस्बे की तथा आसपास के दर्जनों गावों की मनौती वाली छोटी-बड़ी समेत सभी ताजियों को भी दफना दिया गया।

रविवार शाम 07.15 बजे फखरुल मशायख के जानशीन सै. मोहामिद अशरफ उर्फ शारिक मियां सै. अजीज अशरफ व शेखू मियां समेत खानवादए और अन्य लोगों के साथ दरगाह के कर्बला के चौक पर पहुंचे। शारिक मियां ने यहां बड़ी ताजिया के पास देश भर से आए करीब सवा एक लाख से ऊपर अकीदतमंदों व मुल्क की खुशहाली के लिए विशेष दुआएं मांगी। इसके बाद कर्बला से सभी ताजियों के उठने का क्रम शुरू हो गया। ऐतिहासिक सलामी गेट, मलंग गेट होते हुए इंतेजामिया कमेटी कार्यालय के पास सभी ताजियों का काफिला पहुंचा। अंत में रात करीब 08.30 बजे पवित्र तालाब नीर शरीफ के तट पर सभी ताजियों को दफना दिया गया। मोहर्रम के ताजियों के जुलूस के समापन में बसखारी थाना प्रभारी संत कुमार सिंह, नायब तहसीलदार अंब्रेश सिंह लगभग 10 थानों की पुलिस फोर्स, पीएसी और पुलिस लाइन के भी पुलिस बल को साथ लेकर चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था में लगे रहे।
खास बात यह है कि भीषण गर्मी और उमस के बीच सवा एक लाख तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ के कारण एक गरम भाप सा निकल रहा था।
