अंबेडकरनगर। 13 दिसंबर, 2025
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लखनऊ खंडपीठ में किछौछा नगर पंचायत चेयरमैन के वित्तीय और प्रशासनिकअधिकारों को लेकर उतार और चढ़ाव का दौर जारी है। हाईकोर्ट में लंबित मामले में अब तीसरी बार अध्यक्ष की वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार बहाल हो गए हैं। हालांकि इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दो माह के भीतर अपने स्तर से निर्णल लेने को कहा है।
किछौछा नगर पंचायत अध्यक्ष के वित्तीय और प्रशासनिक अधिकारों को लेकर उच्च न्यायालय में मामला विचाराधीन था। शुक्रवार को अदालत में सुनवाई जारी थी। जिलाधिकारी अंबेडकरनगर के तरफ से राज्य सरकार को उच्च न्यायालय में अपना काउंटर दाखिल करना था। लेकिन राज्य सरकार किसी कारणवशअपना जवाब दाखिल नहीं कर पायी। इसका सीधा लाभ चेयरमैन ओंकार गुप्ता को मिला। इस मामले में प्रतिवादी सभासद विनोद कुमार ने बताया कि वित्तीय और प्रशासनिक अधिकारों के मामले में यदि राज्य सरकार के तरफ से जवाब दाखिल किया गया होता तो मामले में स्पष्ट रूप से कोई आदेश आ जाता। किछौछा नगर पंचायत अध्यक्ष को एक तरह से जीवन दान मिल गया। इस प्रकार वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार बहाल हो गया। बताया यह भी जाता है कि हाईकोर्ट ने स्टेट यूपी को दो माह के अंदर चेयरमैन के वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार के मामले में अपने स्तर से निर्णय लेने को कहा है। फिलहाल उच्च न्यायालय से आदेश की प्रति मिलने के बाद ही विस्तृत जानकारी मिल पाएगी। ऐसा माना जा रहा है कि हाईकोर्ट में राज्य सरकार के तरफ से काउंटर न दाखिल होने पर तकनीकी तौर पर इसका लाभ चेयरमैन को मिला। अब पुनः तीसरी बार चेयरमैन का वित्तीय और प्रशासनिकअधिकार बहाल हो गया। उधर, अधिकार बहाल होते ही चेयरमैन ओंकार गुप्ता व उनके समर्थकों में जश्न का माहौल है।









































