अंबेडकरनगर। 04 जनवरी, 2023
कड़ाके की ठंड शुरू होते ही किछौछा नगर पंचायत प्रशासन की तरफ से जरुरतमंदों की ठिठुरन दूर करने के लिए अलाव की जो व्यवस्था की गई है। वास्तव में लकड़ी गीली होने की वजह से हाथ तापने वालों को आग के बजाए सिर्फ धुंआ ही धुंआ नसीब हो पा रहा है।
पिछले चार-पांच दिनों से जारी कड़ाके की ठंड और शीतलहर के दौरान किछौछा नगर पंचायत के विभिन्न वार्डों और सार्वजनिक स्थानों पर सूखी लकड़ी के बजाए अधिकांशतः हरी और गीली लकड़ियां ही गिरायी जा रही हैं। नगर पंचायत के कर्मचारी गीली लकड़ी लगाकर उसमें डीजल डालकर आग लगाते है और जलती हुई आग का फोटो खींचने के बाद रफूचक्कर हो जाते हैं। इलाकाई लोगो का कहना है कि कुछ ही देर बाद आग बुझ जाती है। जिसके बाद कूड़ा करकट, प्लास्टिक वगैरह डालकर आग जलाने की कोशिश की जाती है। कुछ ही देर तक लकड़ियां जलने के बाद फिर बुझ जाती है। अलाव के लिए हरी लकड़ियों के गिराने के सवाल पर नगर पंचायत प्रशासन का संबंधित जिम्मेदार अहलकार से लेकर कर्मचारी तक कुछ बोलने को तैयार नहीं है। प्रत्येक वर्ष ठंड के मौसम में किछौछा नगर पंचायत प्रशासन के तरफ से सूखी लकड़ियां ही खरीदी जाती हैं। लेकिन इस साल बसखारी कस्बे के टांडा रोड पर एक विवादित भूखंड जिसका मुकदमा मंडलायुक्त अयोध्या व राजस्व परिषद, लखनऊ में विचाराधीन है। ऐसे में इस विवादित भूखंड पर लगे कई दर्जन मोटे हरे पेड़ों पर आरी चलवाने के बाद किछौछा नगर पंचायत की गाड़ियों से इन लकडियों को ढोकर ले आया गया और अलाव के लिए इन लकड़ियों को जगह-जगह गिराने से इलाकाई लोग काफी आश्चर्यचकित भी हैं।