अंबेडकरनगर। 07 अगस्त, 2022
प्रसिद्ध सूफी संत हजरत मखदूम अशरफ की किछौछा दरगाह में 9 मोहर्रम को अर्थात् सोमवार रात करीब 9 बजे ऐतिहासिक बड़ी ताजिया निकाली जाएगी। दरगाह शरीफ में चढ़ी हुई चादर से यह ताजिया बनायी जाएगी। 10 मोहर्रम यानी 9 अगस्त को 636 वर्ष पुराने पवित्र तालाब नीर शरीफ के तट पर इस ऐतिहासिक ताजिया को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।
खास बात यह है कि किछौछा दरगाह के आस्ताने से 3 मोर्हरम यानी 02 अगस्त से मोहर्रम का रात्रिकालीन चौकी जुलूस जारी है। हर रोज जुलूस का यह काफिला ऐतिहासिक व प्राचीन मलंग गेट, गौसिया मस्जिद मार्ग होते हुए अंत में ऐतिहासिक सलामी गेट तक पहुंचता है। हालांकि 7 मोहर्रम को दिन में निकला हुआ मोहर्रम का जुलूस मजार पहलवान शहीद परिसर में स्थित चौक से होते हुए निजामुद्दीनपुर-किछौछा तक पहुंचा। जुलूस के कारवां में चौकी के साथ अकीदतमंद रंग-बिरंगे अलम व निशान लेकर बुलंद नारे लगाते हुए चल रहे होते हैं।
9 मोहर्रम को रात करीब 9 बजे दरगाह के आस्ताने से बड़ी ताजिया निकाली जाएगी। मलंग गेट, सलामी गेट, मजार पहलवान शहीद कैंपस होते हुए अंत में यह ताजिया जुलूस किछौछा पहुंचेगा । पूरी रात जुलूस का काफिला कूच करता रहेगा। 10 मोहर्रम को पुनः यह बड़ी ताजिया पहलवान शहीद परिसर में स्थित चौक पर रखी जाएगी। यहीं पर कस्बा बसखारी, किछौछा नगर समेत अन्य ताजियों का जुलूस शामिल होगा। शाम करीब 05.30 बजे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष व सज्जादानशीन सै. फखरुद्दीन अशरफ किछौछवी चौक पर दुआएं करेंगे। इसके बाद ताजियों का जुलूस किछौछा दरगाह के लिए रवाना होगा। रात करीब 8 बजे दरगाह शरीफ की ऐतिहासिक बड़ी ताजिया समेत अन्य छोटी-बड़ी ताजियों को 636 वर्ष पुराने पवित्र तालाब नीर शरीफ के तट पर सुपुर्दे खाक किया जाएगा। उधर, मोहर्रम के समापन जुलूस में शामिल होने के लिए देश भर के जायरीनों का दरगाह में पहुंचने का सिलसिला जारी है।
उल्लेखनीय है कि किछौछा दरगाह में सलामी गेट के पास भिदूण रोड पर, बीबी बिलाई मार्ग पर, नई बस्ती और बाबा बैठका तालाब के पास समेत चार स्थानों पर धड़ल्ले से जुआ का खेल हो रहा है। खुलेआम चार स्थानों पर दिनदहाडे जुआ होने से दरगाह में आने वाले जायरीनों/तीर्थयात्रियों पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है। किछौछा चौकी पर तैनात पुलिस कर्मी मौन हैं।