अंबेडकरनगर। 17 नवंबर, 2025
नौशाद खां अशरफी
जिले के अपर जिला जज (फास्ट ट्रैक) के तरफ से किछौछा नगर पंचायत के चेयरमैन पद का चुनाव रद्द करने से ओंकार गुप्ता अर्श से फर्स पर आ गिरे हैं। भाजपा के टिकट से अध्यक्ष पद का चुनाव जीतने के बाद से विवादों से ओंकार गुप्ता का चोलीऔर दामन का साथ भी रहा है।
बड़े-बड़े विकास के वादे करके सत्ता में आए ओमकार गुप्ता कार्यभार संभालते ही सिर्फ विवादों को ही जन्म देते हुए चले आ रहे हैं। 28 दिसंबर 2023 को किछौछा नगर पंचायत की बोर्ड की कार्यकारिणी बैठक में चेयरमैन ओमकार गुप्ता ने दलित सभासद विनोद कुमार को मेज पर लिटा कर निर्ममतापूर्वक पिटाई की थी और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया था। काफी बवाल मचने पर 31 दिसंबर 2023 को चेयरमैन ओंकार गुप्ता के खिलाफ बसखारी थाने में पीड़ित सभासद विनोद कुमार की तहरीर पर एससी-एसटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ था। हालांकि उक्त सभासद के खिलाफ भी क्रॉस एफआईआर दर्ज करायी गई थी। सोशल मीडिया में मारपीट का वीडियो भी खूब वायरल हुआ था। इस मामले का एक मुकदमा जनपद के एससी-एसटी कोर्ट में न्यायाधीश रामविलास सिंह के यहां विचाराधीन है।
नगर पंचायत में पहले से ही कार्यरत आउटसोर्सिंग एजेंसी का टेंडर निरस्त करके एक दागी आउटसोर्सिंग कंपनी को नगर पंचायत का टेंडर सौंप दिया गया। पूर्व में कार्यरत तमाम सफाई कर्मचारियों को मनमानी ढंग से हटाया गया और नए कर्मचारियों को मनमाने ढंग से रखा गया और उनसे भारी धन उगाही करने का आरोप भी लगा। टैक्सी स्टैंड की नीलामी में भारी भ्रष्टाचार किया गया जिसे बाद में जिला प्रशासन ने यह ठेका निरस्त कर दिया था। सभासद विनोद कुमार से निष्कासित चेयरमैन ओंकार गुप्ता से छत्तीस का आंकड़ा भी चल रहा है। विनोद कुमार भ्रष्टाचार के मामले में हाईकोर्ट लखनऊ भी गए। शिकायतों की जांच के क्रम में ओंकार गुप्ता का वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार भी जिला प्रशासन ने सीज कर दिया था। यह मामला भी अभी हाईकोर्ट में लंबित है। इतना ही नहीं सभासद विनोद कुमार ने आय से अधिक संपत्ति का आरोप लगाते हुए आयकर विभाग से ओंकार गुप्ता व उसके मेली मददगारों के खिलाफ जांच कराकर विधिक कार्रवाई की मांग भी की है। यह मामला भी अभी लंबित है। अपनी मांगों को जबरन मनाने के लिए वर्तमान ईओ संजय जैसवार को नगर पंचायत कार्यालय में बंधक बनाने के प्रकरण से ओंकार गुप्ता जिला प्रशासन के रडार पर आ गए। जिसकी खूब किरकिरी भी हुई। तत्कालीन बसखारी एसओ जय प्रकाश के तबादले के लिए दो सौ सफाईकर्मियों को लेकर थाने में धरने पर बैठने के प्रकरण से भी ओंकार गुप्ता का नाम विवादों में धीरे-धीरे और बढ़ता चला गया। नगर पंचायत कार्यालय में सफाईकर्मियों को साथ लेकर कई दिनों तक तालाबंदी हड़ताल करने से तत्कालीन जिलाधिकारी अविनाश सिंह भी खासे नाराज दिखे थे।










































