लखनऊ। 01 अगस्त 2022
बचपन में विटमिन ए की खुराक न लेने की गलती पूरे जीवन के लिए अभिशाप हो सकती है। शरीर में इसकी कमी से रतौंधी, कुपोषण, मानसिक दिव्यांगता और रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी आदि हो जाना आम बात है। यह कहना है एसजीपीजीआई के पूर्व बाल रोग चिकित्सक डॉ अमित शुक्ल का। पूरे प्रदेश में तीन अगस्त से विटमिन ए संपूर्ण अभियान शुरू हो रहा है। वर्ष में यह अभियान दो बार चलता है।
डॉ अमित शुक्ल ने बताया कि कॉम्प्रेहेंसिव नेशनल न्यूट्रीशन सर्वे (सीएनएनएस) 2016−18 की रिपोर्ट के अनुसार एक से चार वर्ष के 16.9 प्रतिशत बच्चे विटमिन ए की कमी से ग्रस्त हैं। वहीं एक साल में विटमिन ए की दो खुराक ले लेने से उक्त सभी कारणों से होने वाली मौतों में 23 प्रतिशत कमी आई है। साथ ही, खसरे के कारण होने वाली मृत्यु में 50 प्रतिशत कमी और अतिसार रोग से होने वाली मृत्यु में 33 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने बताया कि विटमिन ए वसा में घुलनशील विटमिन है। यह बच्चों को रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है। साथ ही कोविड दृ 19 से बचने में यह सहायक साबित होता है। उन्होंने बताया कि हर बच्चे को विटमिन ए की कुल नौ खुराक देने का प्रावधान है। एक साल से कम बच्चे को विटमिन ए की एक लाख यूनिट और एक साल से ऊपर वाले बच्चों को दो लाख यूनिट हर छह महीने पर पांच वर्ष तक देनी है।
बुधवार से चलेगा संपूर्ण अभियान
नियमित टीकाकरण (आरई) के महाप्रबंधक डॉ मनोज शुक्ल ने बताया कि प्रदेश में बुधवार यानि तीन अगस्त से विटमिन ए संपूर्ण अभियान चलेगा। इस दौरान नौ माह से पांच वर्ष तक के 2.41 करोड़ बच्चों को आच्छादित किया जाएगा।डॉ मनोज ने कहा कि बच्चोंप को विटमिन ए की खुराक डिस्पो जल चम्मिच से ही के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए कुल 2.41 लाख सत्रों का आयोजन किया जाएगा। बाल स्वास्थ्य पोषण माह के दौरान बच्चों को विटमिन ए की खुराक दी जाती है। सामान्यतः यह खुराक वीएचएनडी सत्र के दौरान दी जाती है।
आभियान के दौरान आशा कार्यकर्ता कोविड प्रोटोकाल का पूरा ध्यान देंगी। सत्र के दौरान एक समय में 10 से अधिक बच्चे से अधिक एकत्रित होने की अनुमति नहीं होगी। किसी को भी बुखार, खांसी या सांस लेने में तकलीफ वाले बच्चे को यह डोज चिकित्सक की सलाह पर ही दी जाएगी। वहीं हर ब्लाक में चिकित्साधिकारी 20 सत्रों का अनुश्रवण भी करेंगे।
5 वर्ष तक के बच्चे होंगे लाभान्वित
संपूर्ण अभियान के दौरान नौ माह से पांच साल तक के बच्चोंर को विटमिन ए की खुराक दी जाएगी। यूपी में नौ माह से पांच साल तक के कुल 24087625 बच्चेह हैं। इनमें से नौ माह से 12 माह तक के 1429192 बच्चेल हैं, इन्हें आधा चम्मयच अर्थात एक मिली लीटर घोल दिया जाएगा। जबकि एक से दो वर्ष के कुल 5385617 बच्चेन हैं, जिन्हेंअ दो एमएल अर्थात एक चम्म च विटमिन का घोल दिया जाएगा। वहीं दो वर्ष से पांच वर्ष तक के कुल 17272816 बच्चेस हैं, जिन्हेंघ एक पूरा चम्मयच अर्थात 2 एमएल का घोल दिया जाएगा। कुल 241000 सत्र चलाए जाएंगे।
कोरोना काल में भी नियमित मिला डोज
विगत वर्षों में कोविड प्रकोप होने के बावजूद यूपी में बच्चों को नियमित विटमिन ए की डोज दी गई। दिसम्बरर 2021 में चले अभियान के दौरान जिले की उपलब्धि 89.03 प्रतिशत रही है। वहीं वर्ष 2021 के प्रथम चरण के दौरान उपलब्धि 86.60 प्रतिशत रही है। इस तरह वर्ष 2020 में प्रथम चरण में 83.50 और द्वितीय चरण में 86.90 प्रतिशत उपलब्धि रही है। वर्ष 2019 में यही उपलब्धि 86.10 प्रतिशत और 90.40 प्रतिशत रही है। जबकि वर्ष 2015 में उपलब्धि का प्रतिशत 79 और 76.70 रहा है।