अंबेडकरनगर। 18 सितंबर, 2025
नौशाद खां अशरफी/अभिषेक शर्मा राहुल
सामाजिक संस्था “बज्मे सुखन” की पहल पर बसखारी में जलालपुर रोड पर “एक शाम शालीमार के नाम“ महफिले मुशायरे का आयोजन हुआ। सिराज खान की अध्यक्षता, इंकलाबी शायर कुमैल अहमद सिद्दीकी के संयोजन में सितारे उर्दू एवार्ड से सम्मानित अध्यक्षापक मोहम्मद असलम खान ने कार्यक्रम का संचालन किया।

मौलाना सै. इरफान अशरफ की नाते पाक से महफिले मुशायरे की शुरुआत हुई। पीएच चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष दबीर अहमद एडवोकेट ने कहा कि मुशायरों से उर्दू अदब को बढ़ावा मिलता है और देश की राष्ट्रीय एकता व अखंडता मजबूत होती है। विशिष्ट अतिथि मौलाना सै. इरफान अशरफ ने कहा कि उर्दू ने जंगे आजादी में योगदान दिया है। शिक्षक मोहम्मद असलम खान ने कहा कि उर्दू शायरी दिलों पर राज करती है। इसमें जिंदगी के सभी रंग मौजूद हैं। इंकलाबी शायर कुमैल अहमद सिद्दीकी ने कहा मुशायरे के आयोजन से सामाजिक सौहार्द की नींव काफी मजबूत होती है।
सईद टाण्डवी ने मां की ममता का महत्व बताते हुए शेर पढ़ा कि “सफर में निकलो तो मां की दुआएं लेकर सईद, कसम खुदा की कभी भी न हादसा होगा”। इन्साफ टाण्डवी ने अशआर पढ़ा कि “मुझे भी पता है कि रोना पडे़गा, लबों पर तबस्सुम सजाने से पहले”। शायरा प्रख्यात शायरा चांदनी मुस्कान मुंबई ने गजल पढ़ा कि “इस तरह आपको आजमाऊंगी मैं, गैर को देखकर मुस्कुराऊंगी मैं”। डा. दस्तगीर अहमद टांडवी ने कलाम पढ़ा कि “मुझको जिस शख्स से मुहब्बत है, वह निहायत ही खूबसूरत है”। कमर जिलानी टांडवी ने पढ़ा कि “उखड़ न जाए कहीं सब्र के शजर भी कमर, हवाएं जुल्म की रफ्तार बेतहाशा है”। इंकलाबी शायर कुमैल सिद्दीकी ने यह अशआर पढ़ा कि “इश्क को इतना भी आसान न समझा जाए, राह में कांटें हैं गुलदान न समझा जाए”। हकीम इरफान आजमी के इस अशआर को खूब शाबाशी मिली कि “जिकरे महबूब सरेआम किया हो तो बता, किसी महफिल मे तेरा नाम लिया हो तो बता”। शायरा शगुफ्ता लखनवी ने कलाम पढ़ा कि “चमन से एक गुजारिश के गुलाब आए, मेरी निगाह-ए-मोहब्बत का इन्तेख़ाब आए”। कार्यक्रम में मुख्य रूप से पत्रकार नौशाद खां अशरफी, पत्रकार अभिषेक शर्मा राहुल, इश्तियाक एडवोकेट, मातूफ अहमद, आबिद सिद्दीकी, जावेद सिद्दीकी, गुलाम रहमानी व अन्य मौजूद रहे। इसके पूर्व संयोजक इंकलाबी शायर कुमैल सिद्दीकी व हकीम इरफान आजमी ने आए हुए शायरों, रचनाकारों, गजलकारों, व मेहमानों का माल्यार्पण करके गर्मजोशी से स्वागत किया।












































