अंबेडकरनगर। 14 जनवरी, 2023
बुधवार को पीड़ित मां के साथ गांव की महिलाओं ने लापता युवक अंबेश की सकुशल बरामदगी और आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर बसखारी थाने पर डेरा डाला था। लेकिन शनिवार सुबह बसखारी नई बाजार के पास नहर में उतराता हुआ अंबेश का शव मिला। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के लिए शव को जिला मुख्यालय भेज दिया है।
बसखारी थाना क्षेत्र के पटना मुबारकपुर गांव का निवासी युवक अंबेश पुत्र मोहनलाल लगभग 11 दिनों से लापता था। लापता युवक का गांव के ही एक महिला के साथ प्रेम-प्रसंग चल रहा था। आरोप है कि उसी महिला ने युवक को गायब करवा दिया है। युवक की सकुशल बरामदगी और उक्त महिला की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 11 जनवरी को पीड़ित युवक की मां के साथ दर्जनभर महिलाओं ने बसखारी थाने पर डेरा डाला था। पुलिस ने युवक की मां आशा देवी के साथ ही गांव की महिलाओं को भरोसा दिलाया था कि अंबेश को सकुशल बरामद कर लिया जाएगा।
खास बात यह है कि अंबेश का जिस महिला के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था, उस महिला का दूसरे व्यक्ति से भी प्रेम-प्रसंग चल रहा था। अंबेश के परिजनों का आरोप है कि दूसरे प्रेमी के साथ उस महिला का आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने पर अंबेश काफी नाराज हो गया था और उस प्रेमिका से उसकी फोन पर कहासुनी हुई थी। इस कहासुनी से खुन्नस खाए महिला ने अंबेश का काम तमाम करवा दिया। शनिवार सुबह अंबेश की लाश बरामद होने के बाद उपजे स्थिति के मद्देनजर आलापुर, हसंवर, सम्मनपुर समेत कई थानो की पुलिस फोर्स बसखारी थाने पर डेरा डाले रही। सीओ सिटी सुरेश कुमार मिश्र भी कई घंटों तक बसखारी थाने पर कैंप किए रहे। बसखारी थाना परिसर में मृतक अंबेश के परिजनों का रो-रोकर बहुत बुरा हाल रहा। पटना मुबारकपुर से भी काफी लोग आए हुए थे। मृतक अंबेश की मां आशा देवी के तरफ से दी गई तहरीर में रंजना पत्नी संग्राम और अनुज पुत्र बुद्धिराम के ऊपर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उधर, पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी के खिलाफ हत्या का नामजद केस दर्ज किया है।
मृतक अंबेश की मां ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
अंबेडकरनगर।
मृतक युवक अंबेश की मां आशा देवी का कहना है कि 4 जनवरी को दिल्ली जाने के लिए उनका बेटा घर से निकला था। गाड़ी नहीं मिली, अंबेश घर वापस आ रहा था। लेकिन वह लौट कर नहीं आ सका। मां आशा देवी ने बसखारी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 11 जनवरी को रंजना नामक महिला को पुलिस ने हिरासत में लिया था। उसके बाद रंजना को थाने से छोड़ दिया गया। यदि पुलिस रंजना को नहीं छोड़ती और रंजना के खिलाफ सख्ती बरती होती तो संभवतः उनका लाल अंबेश आज जिंदा होता।